विश्व पोलियो दिवस
दुनिया के तीन मुल्कों में पाया गया है पोलियो का वायरस।
1988 में 125 मुल्कों में पोलियो के मामले देखे गए थे।
अभी भी सारी दुनिया में खतरा है बरकरार।
विश्व स्वास्थ्य संगठन बड़े पैमाने पर लड़ रहा है इस बीमारी से।
पोलियो के मामले भले ही तीन वर्षों से भारत में न देखे गए हों, लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है।
वर्ष 2013 में दुनिया के केवल तीन देशों अफ्गानिस्तान, नाइजीरिया और पाकिस्तान में ही पोलियो के मामले सामने आये हैं ।
वहीं 1988 में 125 देशों में पोलियो ग्रस्त लोग थे। जबतक एक भी बच्चा पोलियो से ग्रस्त है,दुनिया भर में इस बीमारी के फैलने का खतरा बरकरार है। अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन इन देशों से पोलियो को नहीं मिटा पाया, तो दस वर्ष के भीतर हर वर्ष पोलियो के दो लाख नए मामले सामने आ सकते हैं।
24 अक्टूबर विश्व पोलियो दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिवस का ध्येय है पोलियो जैसी बीमारी के विषय में लोगों में जागरूकता फैलाना।
पोलियो एक संक्रामक बीमारी है, जो पूरे शरीर को प्रभावित कर देती हैं और यह बीमारी बच्चों में अधिक होती है।
पोलियो का खतरा
• दूषित पानी का सेवन से पोलियो का खतरा होता है।
• गंदे पानी में तैरने से भी पोलियो वायरस का संक्रमण हो सकता है।
• युवाओं की तुलना में बच्चों में इस बीमारी के फैलने की संभावना अधिक होती है।
पोलियो की रोकथाम:
• बच्चे को पोलियो ड्राप पिलाना ना भूलें
• अपने आसपास सफाई रखें
• पौष्टिक आहार लें
पोलियो के लक्षण:
मरीज की स्थिति वायरस की तीव्रता परनि र्भर करती है। अधिकतर स्थितियों में पोलियो के लक्षण फ्लू जैसी ही होते हैं। लेकिन इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं:
• पेट दर्द
• उल्टियां आना
• गले में दर्द
• सिरदर्द
• जटिल स्थितियों में हृदय की मांसपेशियों में सूजन भी आ सकती हैं
पोलियो जैसी बीमारी व्यक्ति के संपूर्ण जीवन को प्रभावित करती है, इस बीमारी के प्रति जागरूक रहें और बच्चों का समय पर टीकाकरण ज़रूर करायें।
Info by
MADHUKAR
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